राजनीति के लड्डू होते बड़े स्वादिष्ट हैं वरना ऐसा कैसे हो सकता है उनके आगे कोई जीवन का मूल्य भी न समझे। मध्य प्रदेश के आगर में एक नेता नरसिंह मालवीय को टिकट नहीं मिला तो जहर खाकर जान दे दी। उनका दर्द तो वही जानते रहे होंगे। किन्तु उनकी यह हरकत बताती है कि जिस मिठाई पर उन्होंने निगाह जमाई होगी वह नहीं मिली तो उनका जी इतना कड़वाहट से भर गया कि उन्होंने जान दे दी। अब साहब सीट एक और सवारी चाहने वाले तमाम तो किसी एक ही को मिलेगी। अगर सीट बहुत ही आकर्षक होगी तो वंचित या तो अपनी जान दे देगा या फिर किसी की जान ले लेगा। आखिर यही तो होता आया है आज तक।
मेरे अन्य ब्लॉग
शुक्रवार, 8 नवंबर 2013
राजनीति के लड्डू
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
त्वरित टिप्पणी कर उत्साह वर्धन करें.