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शुक्रवार, 2 दिसंबर 2016

कैशलेस

नोट बंदी के बाद से सरकार बड़ा जोर लगा रही है और वातावरण में कैशलेस कैशलेस का शोर गूंज रहा है। ऐसा लगता है जैसे पल दो पल में जादू होगा और सबकुछ कैशलेस। मगर इसकी तैयारी आनन फानन।
देखिये मैं इन्टरनेट बैंकिंग यूजर होने के नाते जानता हूँ किसी को दोष देना ठीक नहीं। ये आनन फानन का काम नहीं है। अभी बहुत सी तैयारियों की आवश्यकता है। पहले प्रत्येक स्थान पर नेटवर्क की अच्छी स्पीड जरूरी है। फिर बैंक कर्मियों के साथ साथ पब्लिक का इस सन्दर्भ में प्रशिक्षण। उसके बाद बैंक द्वारा लिए जाने वाले शुल्कों का नम्बर आता है। डेबिट कार्ड से 30000 रुपया पेमेंट करने के लिए मैं 333 रूपये का कमिशन दे चूका हूँ अगर नकदी का आप्शन होता तो मैं नकद पेमेंट करता उदाहरण के लिए pnb में 115 रुपया सालाना atm कार्ड मेंटिनेंस। 108 रुपया सालाना sms चार्जेज। इसके बाद अंतरण पर अन्य चार्जेज ऐसे में पब्लिक कैशलेस transaction के लिए प्रोत्साहित कैसे होगी यह समझ से परे है।

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