दिन-प्रतिदिन की घटनाओं पर लेखक की बेबाक राय|
🤔 अंगूर चाहता था अनार दे गयी। माँगा था एक दाना हजार दे गयी। फल की दुकानदारी में चुस्त थी बहुत, हाँथों में सन्तरे दो रसदार दे गयी।। ©विमल कुमार शुक्ल 'विमल'
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