दिन-प्रतिदिन की घटनाओं पर लेखक की बेबाक राय|
😖 😘 है सबके ही भाग्य में, पीर-प्यार का योग। वक्त वक्त पर रोग है, वक्त वक्त पर भोग।। सबके कहाँ नसीब में, लिखा हुआ है प्यार। मुझे नकद मिलता नहीं, उसको मिला उधार।।
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