दिन-प्रतिदिन की घटनाओं पर लेखक की बेबाक राय|
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शुक्रवार, 9 मार्च 2018
बुद्ध और लेनिन
मुझमें और तालिबानियों में एक समानता है, बे बुद्ध की मूर्ति तोड़ बैठे और मैं लेनिन की| किन्तु कमाल है लेनिन इसे जानता नहीं और बुद्ध मूर्ति को टूटते हुए रो रहे थे, क्योंकि बुद्ध अमर है और लेनिन लापता|
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