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बुधवार, 27 नवंबर 2013

आरुषि मर्डर

आखिर एक माँ बाप क्या करता जब उसने अपनी बेटी को अपने नौकर के साथ देखा। वे उन्हें इनाम देकर उनकी पीठ तो नहीं ठोंक सकते थे। जब ऐसी कोई घटना होती है तो व्यक्ति के पास सोचने विचारने का वक्त नहीं होता। जो उसका दिमाग गवाही देता है व्यक्ति आनन फानन में निपटा देता है। अब राजेश तलवार और नुपुर तलवार का जो होना था वह हो गया। अभी हमारे समाज में बहुत से ऐसे अभिभावक हैं जो आज नहीं तो कल ऐसी स्थिति का सामना कर सकते हैं जिस स्थिति का सामना उपरोक्त दम्पति ने किया। अभी से जागो तुम्हारे बच्चे किस मन: स्थिति से कहाँ गुजर रहे हैं क्या कर रहे हैं जानकारी रखना शुरू कर दो। इससे पहले की पानी सर के ऊपर से गुजरे बांध बना दो भाई। चाहे लड़का हो या लड़की अवैध सम्बन्ध तभी बनते हैं जब परिवार के वैध सम्बन्धों का निर्वहन ठीक से नहीं होता।

मंगलवार, 12 नवंबर 2013

सरदार

राजा चुप्प रहता है,
बोलता दरबार है।
वो क्यों अ-सरदार होगा ,
वो तो सरदार है।

शुक्रवार, 8 नवंबर 2013

राजनीति के लड्डू

राजनीति के लड्डू होते बड़े स्वादिष्ट हैं वरना ऐसा कैसे हो सकता है उनके आगे कोई जीवन का मूल्य भी न समझे। मध्य  प्रदेश के आगर में एक नेता नरसिंह मालवीय को टिकट नहीं मिला तो जहर खाकर जान दे दी। उनका दर्द तो वही जानते रहे होंगे। किन्तु उनकी यह हरकत बताती है कि जिस मिठाई पर उन्होंने निगाह जमाई होगी वह नहीं मिली तो उनका जी इतना कड़वाहट से भर गया कि उन्होंने जान दे दी। अब साहब सीट एक और सवारी चाहने वाले तमाम तो किसी एक ही को मिलेगी। अगर सीट बहुत ही आकर्षक होगी तो वंचित या तो अपनी जान दे देगा या फिर किसी की जान ले लेगा। आखिर यही तो होता आया है आज तक।