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शुक्रवार, 29 सितंबर 2017

धूप

29/09/2017
कभी छत पर चली आती है,
तो कभी खिड़की से आकर.
चारपाई पर सिरहाने बैठ जाती है|
कभी काटती तो कभी दुलार करती,
धूप कितने रंग दिखाती है|

अदालत की कार्यप्रणाली एक नमूना

भारतीय अदालत की कार्यप्रणाली का एक नमूना:-
वादी किसी डॉक्यूमेंट को सम्मिट करने के लिए अदालत से एक हफ्ते का समय मांगता है, उसका प्रार्थनापत्र अदालत में रखकर अगली डेट दी जाती है अगली डेट पर प्रतिवादी एक प्रार्थना पत्र देता है कि प्रार्थना पत्र स्वीकार करने योग्य नहीं है| उसकी अगली तारीख पर वकील बहस करते हैं कि समय मांगने का प्रार्थना पत्र स्वीकार जाये या न स्वीकारा जाये| उसकी अगली डेट पर जज निर्णय करता है कि समय दिया गया या नहीं| इस प्रक्रिया में वादी को कम से कम 4 तारीखों का समय मिलता है दिन महीने में बात करें तो मिनिमम 4 दिन जब रोज सुनवाई हो वरना अल्लाह मालिक| मेरे एक मामले में 9 तारीखें हुईं और डेढ़ वर्ष का समय लगा तब मुझे डॉक्यूमेंट सममित करने की अनुमति मिली सिविल जज जूनियर डिविजन हरदोई में| साला एक घंटे का काम नहीं था|