ऊधौ मन न भये दस बीस। एक हुतो सो गयो श्याम संग को अवराधे ईश।
मतलब ये कि किसी किसान ने अप्रैल में फसल तैयार होने पर लौटाने का वादा करके उधौ नामक किसी महाजन से कर्ज ले लिया। फसल तैयार हुई और कट गयी। तब उधौ जी अपनी वसूली करने पहुंच गये किसान की चौखट पर। किसान ने उधौ के हाथ पैर जोड़े और कहा उधौ जी इस बार हमारे खेत में फसल बहुत कम हुई। अगर दस बीस मन गल्ला पैदा हुआ होता तो मैं आपका कर्ज चुका देता। केवल एक मन गल्ला पैदा हुआ था सो मैंने आपके मित्र श्याम से भी कुछ कर्ज ले रखा था। वो अभी थोड़ी देर पहले आये थे मैंने उन्हें चुकता कर दिया। आप राधे से प्रार्थना करें की ईश् की कृपा हो तो आपकी कुछ व्यवस्था कर सकूं।
मेरे अन्य ब्लॉग
शनिवार, 21 मार्च 2015
ऊधौ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
त्वरित टिप्पणी कर उत्साह वर्धन करें.