दिन-प्रतिदिन की घटनाओं पर लेखक की बेबाक राय|
दीप धर्म का, दीप कर्म का। दीप सृजन का, दीप मनन का। दीप ज्ञान का, दीप मान का, दीप नीति का, दीप प्रीति का, दीप भाव का, दीप चाव का। दीप जले नित, जगती के हित।।
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