60 से ऊपर का #रिटायर्ड अध्यापक #सहायताप्राप्त विद्यालयों में लगाने की ऐसी क्या मजबूरी है? क्या उत्तर प्रदेश में ट्रेंड #बेरोजगारों
का अभाव हो गया है? या फिर कुर्सी पर बैठ कर ऊंघता हुआ अध्यापक अधिक
कार्यकुशल हो जाता है? जिनके मुंह से सिर्फ हवा निकले और पिछली पंक्ति तक
आवाज न पहुंचे ऐसे अध्यापक किस काम के वैसे भी 55 से ऊपर के तमाम कर्मचारी
अपने अपने बेटों या अन्य परिजनों को लेकर अपने कार्यस्थल पर पहुंच पाते हैं
तथा अपना कार्य प्रायः बाहरी लोगों या परिजनों से कराते हैं ऐसे में
रिटायर्ड लोगों को नियुक्त कर #विद्यालय, बेरोजगारों व वृद्धों की #वृद्धावस्था के आनन्द तीनों की हत्या न करें प्लीज|
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
त्वरित टिप्पणी कर उत्साह वर्धन करें.